भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका एक बार फिर से SocialLifeAnyTime में दोस्तों आज की कहानी बहुत ही मज़ेदार होने वाली है। दोस्तों आज की कहानी में हम लोग भगवान् शिवे जी और माता पार्वती के पवन मिलान की कहानी का अनुसरण करेंगे दोस्तों उम्मीद करता हु आप लोग इस कहानी को बहुत सारा प्यार देंगे। तो दोस्तों ज्यादा समय ब्यतीत न करते हुए कहानी की और चलते है।
Table Of Contents
भगवान् शिव और माता सती की पूर्वकथा
माता पार्वती का जन्म
माता पार्वती की तपस्या
भगवान् शिव ने ली माता पार्वती की परीक्षा
माता पार्वती और भगवान् शिव विवाह
माता पार्वती और भगवन शिव के इस दिव्या मिलन से क्या शिक्षा मिलती है ?
- एक दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान
- प्रेम भक्ति और तपस्या का महत्व
7. निष्कर्ष
8. Faq
A Divine Love Story
दोस्तों ये कहानी है भगवान् शिव और पार्वती माता के मिलान की दोस्तों आपको पता होगा की हिन्दू धर्म में सबसे लोगप्रिये कथा माता पार्वती और भगवान शिव जी के मिलान की है। दोस्तों ये कहानी प्रेम तपस्या और भक्ति की एक मिशाल मानी जाती है। दोस्तों आपको बता दे की ये कहानी भारतीय पौराणिक कहानियों में से एक मानी जाती है। दोस्तों आज आर्टिकल में हम लोग इस दिव्य प्रेम कहानी के बारे में गहराई से बात करेंगे। तो दोस्तों शुरू करते है A Divine Love Story .
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भगवान् शिव और माता सती की पूर्वकथा
दोस्तों आपको बता दे की भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्या मिलान की कथा माता सती से शुरू होती है। दोस्तों आपको बता दू की माता सती दक्ष प्रजापति की बेटी थी। और भगवान शिव की पहली पत्नी थी। दोस्तों भगवान शिव को दक्ष प्रजापति बिलकुल पसंद नहीं किया करते थे।
एक दिन हुआ ये की दक्ष प्रजापति के यहां बहुत बड़े यज्ञ का आयोजन हुआ जिसमे सभी लोगो को निमंत्रण दिया गया। लेकिन भगवान शिव को निमंत्रण नहीं दिया गया। दोस्तों जब माता सती अपने पिता के यहां जाने के लिए तैयारी कर रही थी तभी माता सती ने भगवान शिव से कहा की ,आप भी चलो मेरे पिता श्री ने एक बहुत बड़े यज्ञ का आयोजन किया है।
तो भगवान शिव जी ने कहा में नहीं जाऊंगा सती तुम ही चली जाओ। लेकिन सती ने जिद्द कर के भगवान् शिव को अपने साथ लेकर दक्ष प्रजापति के यहां पहुँच गयी। दोस्तों जैसे ही माता सती दक्ष प्रजापति के यहां पहुंची तो उन्हें पता चला की सब लोगो को निमंत्रण दिया गया था लेकिन भगवान् शिव को निमंत्रण नहीं दिया गया है।
दोस्तों भगवान शिव का ये अपमान देख वो सहन नहीं कर पायी और माता सती को बहुत क्रोध आया और माता सती ने आत्मदाह कर लिया। दोस्तों माता सती की मृत्यु देख कर भवान शिव को अत्यंत दुःख हुआ।
दोस्तों भगवान शिव ने माता सती के मृत शरीर को अपने कन्धों पर उठा कर पूरा विश्व भ्रमण किया और तांडव किया। दोस्तों इसी घटना ने माता सती के पुनर्जन की कहानी की नींव रखी।
माता पार्वती का जन्म
दोस्तों माता पार्वती का जन्म हिमालय पर हुआ था माता पार्वती की माता का नाम मैनावती था। दोस्तों आपको बता दू के माता पार्वती के पिताश्री का नाम हिमवान था। दोस्तों माता पार्वती बचपन से ही शिव आराधना में विलीन रहती थी। माता पार्वती भगवान् शिव की बहुत बड़ी भक्त थी। माता पारवती भगवान् शिव के प्रेम में विलीन थी पार्वती भगवान् शिव को अपना पति मानती थी।
माता पार्वती की तपस्या
दोस्तों आपको बता दे की माता पार्वती ने भगवान् शिव को प्रसन्न करने के लिए कई वर्षों तक बहुत कठोर तपस्या किया। दोस्तों माता पार्वती ने इतनी खोर तपस्या इस लिए की थी। ताकि भगवान् शिव उनके प्रेम और भक्ति को देख सके। दोस्तों आपको बता दे की माता पार्वती की तपस्या की कठिनाइयां और समर्पण की भावनाओं को देख कर माता पार्वती का दिव्या रूप प्रकट हो गया। दोस्तों उनकी इस खोर तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने उन्हें आशीर्वाद दिया। और बोली की भगवान् शिव को आपकी भक्ति सुकार करनी ही होगी।
भगवान् शिव ने ली माता पार्वती की परीक्षा
माता पार्वती और भगवान् शिव विवाह
माता पार्वती और भगवन शिव के इस दिव्या मिलन से क्या शिक्षा मिलती है ?
दोस्तों भगवन शिव और माता के दिव्य मिलन से हमे बहुत साडी शिक्षा मिलती है। दोस्तों में आपको बताता हु।
- एक दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान -
दोस्तों माता भगवन शिव की इस दिव्य मिलन की कथा से हमे ये सिखने को मिलता है की, माता पार्वती और भगवन शिव का मिलन भक्ति प्रेम और एक दूसरे के प्रति सम्मान का आदर्श उदहारण है। दोस्तों उनके संबंधों में आपसी समझ और समर्थन की अचूक गहराई ने माता पार्वती और शिव जी को एक मजबूत और सुखी दाम्पत्य जीवन का अनुभव कराया है।
- प्रेम भक्ति और तपस्या का महत्व -
दोस्तों इस कहानी हमे ये सिखाती है की यदि सच्ची निष्ठा और लगन से किसी चीज़ को चाहेंगे तो उसको पाने में ज्यादा समय नहीं लगता है।
निष्कर्ष
FAQ
- भगवान् शिव और माता पार्वती का मिलन कैसे हुआ ?
- शिव भगवान् ने माता पार्वती से शादी कियो की ?
- माता पार्वती ने भगवन श्राप किसलिए दिया था ?
- शिव पार्वती का विवाह कब हुआ ?
- शिव पार्वती कथा ?
- शिव पार्वती विवाह श्लोक ?
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