श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का अपहरण क्यों किया था अर्जुन ने ? जाने क्या थी अर्जुन की मंशा
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका एक बार फिर से Social Life Any Time में , दोस्तों आज की कहानी है Mahabharat Katha अर्जुन और सुभद्रा की। इस कहानी में आपको ये जानने को मिलेगा की अर्जुन ने श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का अपहरण किस मंशा से किया था। और ऐसा क्या हो गया था की उनको अपने ही सखा की बहन को ही अपहरण करने की मजबूरी आ गयी। तो चलिए शुरू करते है।
Arjun Subhadra Vivah |
Mahabharat Katha :
दोस्तों Mahabharat Katha में आपको बताते चले की ऐसे तो कई प्रेम कहानियों का ज़िक्र है। लेकिन आज हम आपको अर्जुन और सुभद्रा की प्रेम विवाह की कहानी का अवलोकन करवाएंगे। दोस्तों आपको बात दे की अर्जुन की चार पत्नियां थी
- द्रोपती
- चित्रांगदा
- उल्पी
- सुभद्रा
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पहली नजर में प्रेम :
अर्जुन जब द्वारका गए तो उन्होंने पहली बार सुभद्रा को देखा तो उनको सुभद्रा से पहली नजर में ही प्रेम हो गया था। और दोस्तों सुभद्रा अर्जुन के व्यक्तित्वा को भलीभांति परचित थी। आइये जानते है। कैसे हुयी अर्जुन और सुभद्रा का विवाह
पौराणिक कथाओ के आधार पर कुंती श्री कृष्ण की बुआ थी , और इस बजह से श्री कृष्ण और अर्जुन में बहुत गहरी मित्रता थी। जब एक बार श्री कृष्ण के बुलाने पर अर्जुन द्वारका गए। तो हुआ ये की अर्जुन की नजर श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा पर पड़ी तो पहली नजर में ही अर्जुन अपना दिल हार बैठे , सुभद्रा की सुंदरता में मोहित होकर अपना दिन सुभद्रा को दे बैठे।
दोस्तों ये सब होते हुए श्री कृष्ण ने अर्जुन की नजर को भाँप लिया था। लेकिन अर्जुन ये जानते थे की सुभद्रा और मेरा विवाह होना असंभव है। लेकिन दोस्तों हुआ इसके विपरीत , श्री कृष्ण जानते थे की अर्जुन सुभद्रा को अपना दिल दे बैठे है। तो इस लिए श्री कृष्ण ने सुभद्रा के विवाह का प्रस्ताव अर्जुन के सामने रख दिया। तो अर्जुन एक दम से सकपका से गए। और अर्जुन को यकीन नहीं हो रहा था। लेकिन सुभद्रा से अर्जुन का विवाह होना इतना आसान भी नहीं था।
आसान नहीं था अर्जुन सुभद्रा का विवाह :
दोस्तों अर्जुन और श्री कृष्ण जानते थे की इतना आसान भी नहीं था अर्जुन और सुभद्रा का विवाह ,
दोस्तों आपको बता दे की अर्जुन और सुभद्रा का विवाह आसान इसलिए नहीं था। कियोकि भैया बलराम सुभद्रा का विवाह दर्योधन से करवाना चाहते थे।हो इस लिए अर्जुन और सुभद्रा के विवाह के खिलाफ होंगे भैया बलराम। लेकिन श्री कृष्ण नहीं चाहते थे की उनकी बहन की शादी किसी अधर्मी से फिर श्री कृष्ण ने कहा अर्जुन से कहा की अगर तुम्हे सुभद्रा से विवाह करना है तो सुभद्रा का अपहरण करना होगा तभी तुम सुभद्रा से विवाह कर सकते हो अन्यथा नहीं। ये सुनकर अर्जुन को आश्चर्य हुआ।
अपहरण कर रचाया विवाह :
दोस्तों श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा की सुभद्रा हमेशा रेवदार पर्वत पर जाती है। अर्जुन तुम रेवदार पर्वत जा कर सुभद्रा का अपहरण कर लो और विवाह रचा लो। इतना सुनकर अर्जुन ने श्री कृष्ण से कहा थी है सखा जैसा अपने बोला वैसा ही करूंगा।
श्री कृष्ण के कहे अनुशार अर्जुन रेवदार पर्वत पर पहुँच कर सुभद्रा का इंतज़ार करने लगे। जैसे ही सुभद्रा रेवदार पर्वत पर पहुंची तो अर्जुन ने अपने प्रेम का इज़हार करते हुए सुभद्रा को रथ में बैठा कर ले गए। दोस्तों जैसे ही भैया बलराम को पता चला की अर्जुन ने बहन सुभद्रा का अपहरण कर लिया है ये सुनकर भैया बलराम को अत्यंत क्रोध आता है। और तुरंत अपनी सेना को लेकर निकल पड़ते है अर्जुन को खोजने। दोस्तों भैया बलराम ने बहुत कोशिश की अर्जुन को रोकने की परन्तु अर्जुन को रोक पाने में असमर्थ हो गए। अर्जुन जब सुरक्ष्ति जगह पहुँच गए फिर उन्होंने सुभद्रा से गंधर्व विवाह रचा लिया। और पुनः अपने नगर को लौट आये सुभद्रा को लेकर।
निष्कर्ष :
दोस्तों अर्जुन और सुभद्रा विवाह Mahabharat Katha की एक महत्वपूर्ण घटना थी। दोस्तों ये कहानी हमे सिखाती है की की प्रेम ,समझदारी और सम्बेदनशीलता के साथ हम लोग किसी भी बाधा को पार कर सकते है। और हुमक खुशाल जीवन व्यतीत कर सकते है। तो दोस्तों उम्मीद करता हु आपको ये Arjun Subhadra Vivah की कथा पसंद आयी होगी।
FAQ :
- अर्जुन और सुभद्रा का विवाह क्यों महत्वपूर्ण था ?
दोस्तों अर्जुन और सुभद्रा विवाह महाभारत की एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना में से एक थी। क्योकि ये घटना केवल व्यक्तिगत प्रेम या विवाह की नहीं है। दोस्तों ये एक सामाजिक और राजनितिक दृश्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। दोस्तों अर्जुन और सुभद्रा के विवाह से पांडवो और यादवो के बीच एक सम्बन्थ स्थापित हुआ।
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lawlesh
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